Tuesday, 23 January 2018

मेरे हिंदी काव्य संग्रह पिघलते हिमखंड से कविता का मैथिली अनुवाद , मधुबन, उन्मुक्त, बन्दगी



अनुवाद
मधुबन
बुन्न बुन्न
नेहक अमिय सँ
जिनगीक घैल
भरैत छै।
स्मृतिक
बसात आ
नेहक फुहार सँ
बनैत छै
जिनगीक मधुबन।

मेरे हिंदी काव्य संग्रह पिघलते हिमखंड से कविता मधुबन का मैथिली अनुवाद

2. उन्मुक्त 

झरनाक कलकल
चिड़य कें चहकब
उन्मुक्त उड़ब
चानन सुवासित बसात
सौनक झींसी
यएह तऽ अछि
अहाँक हँसबाक
चिन्हास।
मोती जड़ित घरकेर
दुआर तऽ खोलू
ओढल मुस्की कें
आबो तऽ छोड़ू।
मेरे हिंदी काव्य संग्रह पिघलते हिमखंड से कविता उन्मुक्त का मैथिली अनुवाद

(बन्दगी)
अराधना

भावना कखनहुँ
मरैत नहि छै
भाव जीवित छै
तऽ जीनगी छै,
समय कें आँचर मे सहेजल
छिन छिन केर भाव
ईश्वरक अरधना छै।

मेरे हिंदी काव्य संग्रह पिघलते हिमखंड से कविता अराधना का मैथिली अनुवाद



पिघलैत हृतखण्ड।
मैथिली अनुवाद
अनुवादक डाॅ शिव कुमार प्रसाद। associate professor and HOD of Hindi. at HPS College, Nirmali

पिघलैत हृतखण्ड।
मैथिली अनुवाद
अनुवादक डाॅ शिव कुमार प्रसाद। associate professor and HOD of Hindi. at HPS College, Nirmali
दि. 23-01-2018

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