डोगरी में अनुदित कविताएँ
मित्रों, आज मेरी २ हिंदी कविताओं का डोगरी अनुवाद मुझे
प्रेषित किया है, मेरे फेसबुक मित्र सुरिंदर शर्मा, फॉण्टरनेर ने/ गत
माह चंडीगढ़ में मिले / मैंने यूं ही इच्छा व्यक्त की कि क्या वह मेरी
कविताओं का डोगरी में अनुवाद कर देंगे, जिसे उन्होंने सहर्ष
किया व् आज मुझे हस्तलिखित रूप से भेजा, जिसे मैं अभी अभी
हिंदी फॉण्ट में टंकित किया/ प्रस्तुत हैं आप सब के अवलोकन के लिए/
विदित रहे कि इस से पूर्व आप एक हिंदी लघु कथा संग्रह का इंग्लिश में अनुवाद कर चुके हैं और इस अनुदित पुस्तक
विदित रहे कि इस से पूर्व आप एक हिंदी लघु कथा संग्रह का इंग्लिश में अनुवाद कर चुके हैं और इस अनुदित पुस्तक
MANTO IS ALIVE, का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले, दिल्ली में ९ जनवरी को हुआ है/
बंजारा मन / वंजारा मन
जदूं वंजारा मन
ज़िन्दगी दे कुसा
अन्जाने मोड़ ऊपर
मिले जन्दा ए
मन मर्जी दे साथी कन्नै
चाहन्दा ऐ कदे नई
रुकै ए सफ़र
ते एक एक पल बनी जा
एक युगा दा
ते सफ़र ईययाँ गे
चलदा रवै
युगें युगें तकर
यह चाहत / ए चाह
********
ए चाह मेरी ते तेरी
जे करिए ए शैल सुखना ए
नींदर नईं खुल्लै कदें भी मेरी
जे करिए ए सच ओए ता
नींदर नईं आवै अखें विच मेरी
अनुवाद: सुरिंदर शर्मा