तुम्हीं बताओ ना
"अहाँ कहू ने"
हमर नीन कें जखन पाँखि लागल
की अहुँक सेहो संग
उड़ा लऽ गेल
हमर नीन कें जखन पाँखि लागल
की अहुँक सेहो संग
उड़ा लऽ गेल
आ कि अधनीन राति मे
तरेगण गनवाक बीध
हम एसगरे निमाहलहुँ ? पृ० -३१
तरेगण गनवाक बीध
हम एसगरे निमाहलहुँ ? पृ० -३१
ज़िन्दगी की किताब से
"जिनगीक किताब सँ"
जिनगीक किताब सँ
जखन फाटि जाए छै
कोनो तहगर पन्ना
अधखरुए रहि जाए छै
जीबाक लिलसा
जखन फाटि जाए छै
कोनो तहगर पन्ना
अधखरुए रहि जाए छै
जीबाक लिलसा
कखनहुँ कें मालि सँ
भऽ जाए छै गलती
तोड़ि दै छै एहन फूल
जेकरा टूटऽ सँ
मात्र ठारहिए टा नहि
भरि जाए छै
सौंसे फुलबारी मे उदासी
रहि जाए छै मुरझाएल गाछ
छाती मे नुकौने
दरदक कथा
भऽ जाए छै गलती
तोड़ि दै छै एहन फूल
जेकरा टूटऽ सँ
मात्र ठारहिए टा नहि
भरि जाए छै
सौंसे फुलबारी मे उदासी
रहि जाए छै मुरझाएल गाछ
छाती मे नुकौने
दरदक कथा
जइ गाछ कें पानिक बदला
पटबऽ पकड़ैत छै
नोर आ नबका खून सँ
ओहि दरदक गाछ कें
फल की हेतैक!
पटबऽ पकड़ैत छै
नोर आ नबका खून सँ
ओहि दरदक गाछ कें
फल की हेतैक!
फलक चिंता सँ
परयास तऽ नहि छोड़ल जाए छै
मृत्युक बढैत डेगक
शब्दक भय सँ
जीबाक बाट सँ मुँह
नहि मोड़ल जाए छै
जाबत साँस ताबत आश
परयास तऽ नहि छोड़ल जाए छै
मृत्युक बढैत डेगक
शब्दक भय सँ
जीबाक बाट सँ मुँह
नहि मोड़ल जाए छै
जाबत साँस ताबत आश
गनल गुथल चुनल छन कें
मन भरि जीबाक मोह
छनेमे कैएक जुग
जी लेबाक इच्छा
जिनगी मे भरिदै छै
सगरो एतेक सुगन्ध
जे बिसबासे नहि होेएत छै
जे कोना टुटि जतैक ई डोएर
मन भरि जीबाक मोह
छनेमे कैएक जुग
जी लेबाक इच्छा
जिनगी मे भरिदै छै
सगरो एतेक सुगन्ध
जे बिसबासे नहि होेएत छै
जे कोना टुटि जतैक ई डोएर
दरदक गाछ पर
अपनत्वक फूल फूलाएत छै
ई फूल रहौ वा नहि
एकर यादक (स्मरणकेर )सुगन्ध सँ
फुलबारी गमकै छै। पृ० ३२-३३
अपनत्वक फूल फूलाएत छै
ई फूल रहौ वा नहि
एकर यादक (स्मरणकेर )सुगन्ध सँ
फुलबारी गमकै छै। पृ० ३२-३३
होने से न होने तक।
रजनी छाबड़ा
अनुवाद
डा शिव कुमार।
रजनी छाबड़ा
अनुवाद
डा शिव कुमार।