Wednesday, 6 June 2018

संदली एहसास) चानन सनअनुभूति

 
मेरे प्रथम हिंदी काव्य संग्रह से कविता "संदली एह्सास ' का मैथिली में अनुसृजन डॉ शिव कुमार द्वारा / आप इससे पूर्व मेरे हिंदी काव्य संग्रह 'पिघलते हिमखंड ' का मैथिली में अनुवाद कर चुके हैं/ मैथिली मे अनुदित काव्य संग्रह का शीर्षक है ' पघलैत हिमखंड'
संदली एहसास)
चानन सनअनुभूति
बहार मे बहैत
पनिएल बसात मे अहाँ
कहाँ देखाए छी
बसात सँ सिनेह बरसाबएत
धरतीक छाती
नहि छू पबैत छी
बिन छुअल छुअब सँ
अहाँ अपन हेबाक
चानन सन अनुभूति
करा देते छी।
रजनी छाबड़ा
अनुवाद
डा शिव कुमार।

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