PRESENTING MY POEM " SUFFICIENT'' TRANSLATED BY MYSELF INTO HINDI,
BY RAVI PUROHIT JI INTO RAJASTHANI,
BY SUBIR MAJUMDER JI INTO BENGALI
BY BIRBHADRA KARKIDHOLI INTO NEPALI
BY RAVI PUROHIT JI INTO RAJASTHANI,
BY SUBIR MAJUMDER JI INTO BENGALI
BY BIRBHADRA KARKIDHOLI INTO NEPALI
SUFFICIENT
A dream for
Hope deprived vision
A sigh for
Mum lips
A patch for
Torn heart
Suffice for
My existence
.RAJNI CHHABRA
A dream for
Hope deprived vision
A sigh for
Mum lips
A patch for
Torn heart
Suffice for
My existence
.RAJNI CHHABRA
काफी हैं
एक ख़्वाब
बेनूर आँख के लिए
एक आह
खामोश लब के लिए
एक पैबंद
चाक जिगर
सीने के लिए
काफी हैं
इतने सामान
मेरे
जीने
के लिए
RAJNI CHHABRA
एक ख़्वाब
बेनूर आँख के लिए
एक आह
खामोश लब के लिए
एक पैबंद
चाक जिगर
सीने के लिए
काफी हैं
इतने सामान
मेरे
जीने
के लिए
RAJNI CHHABRA
घणो ई है
अेक सपनो
थिर-रंगहीण आंख सारू
अेक निसखारो
मून धारियै होठां सारू
अेक अणछंट कारी
चाक-हियै छाती सारू
घणो ई है इत्तो सामान
म्हारै जीवणै सारू
RAVI PUROHIT
थिर-रंगहीण आंख सारू
अेक निसखारो
मून धारियै होठां सारू
अेक अणछंट कारी
चाक-हियै छाती सारू
घणो ई है इत्तो सामान
म्हारै जीवणै सारू
RAVI PUROHIT
পর্যাপ্ততা
আশাহীন চোখে
একটা স্বপ্ন
নির্বাক ঠোঁটে একটা দীর্ঘশ্বাস
ছিন্ন হৃদয়ের জন্য
একটা তালির সংস্থান
টিকে থাকার লড়াইয়ে
রাখবে পর্যাপ্ত অবদান।
SUBIR MAJUMDER
একটা স্বপ্ন
নির্বাক ঠোঁটে একটা দীর্ঘশ্বাস
ছিন্ন হৃদয়ের জন্য
একটা তালির সংস্থান
টিকে থাকার লড়াইয়ে
রাখবে পর্যাপ্ত অবদান।
SUBIR MAJUMDER
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