Thursday, 9 February 2017

लोकतंत्र

लोकतंत्र

एक निर्वाचित सदस्य ने दूसरे से पूछा,"तुम्हे कितने वोट मिले? 'दूसरे ने फट से जवाब दिया,"मुझे वोट मिलते नहीं, मैं तो वोट ले लेता हूँ, वोट मांगना मैं हराम समझता हूँ"
यह कहता कहता, वह हँस रहा था.मालूम नहीं किस पर/ वोटरों पर ?चुनाव पर? लोकतंत्र पर ?
राजस्थानी  लघुकथा
लेखक:श्री लक्ष्मी नारायण रंगा
अनुवादिका :रजनी छाबड़ा .

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