उमर गाळ दी
एक सबद नीं सीख्यो
बो जिको हो प्रीत
पण फेर भी
आखी-आखी रात
फोरतो पसवाड़ा
रोवतो अर कैंवतो
काळजै रड़कै प्रीत
ठाह नीं किंया सीख्यो !
LOVE
I spent my whole life
Could not learn one word ' Love'
Still, I keep on tossing in bed
Throughout sleepless night
And say that my mind teases.
Don't know how I learnt 'Love'
अणबसी
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बा बांचै-टांचै
जाड़ भींच’र चींथै
एक-एक सबद
मन ई मन मुळकै
सबदां सूं नीं देवै
बोल-लिख उथळा
जाबक भोळी नीं
नीं ई चातर-चलाक
उण री आंख्यां पण बोलै
उण री सगळी अणबसी
UNUSHERED
She expresses herself
Suppressing each and every word
In her mouth.
Rejoices inwardly.
She never voices to her words.
Writing superficially.
Don't deem her innocent
She is rather clever.
Her eyes convey
Her mum speech.
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प्रीत री देवळ्यां
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प्रीत तो
थारै सूं ही
मोरचै पण पेट सारू हो
छेकड़ मोरचो जीत्यो
पेट हारया
हारी प्रीत ई
पण होयगी अमर
अब गाईजसी
करोड़-करोड़ मुंडां
सावळ देख अदेही
आपणी रूह में है
प्रीत री देवळ्यां !
SHRINE OF LOVE
I loved you only
Bur sustainance had to be attended
With priority
Livlihood conquered
Love was deafeated
Still our love will be immortal
Its praise will be sung by millions
Invisual will be visualized
Our soul is shrine of love..
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थांरी आंख्यां में म्हारा सुपना
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आपां साथै-साथै चाल्या
साथै ई देखी जगती
इकसार देख्या जग रा चाळा
मन तो पण दोय हा
थूं कीं न्यारो सोच्यो होसी म्हांसूं
थूं पूछती रैई म्हारा सुख-दुःख
म्हनै तो फुरसत ई नीं ही
म्हारा सुपना पूरण सूं
म्हैं तो बधा ई लियो म्हारो बंस
थूं बैठी है आज मून
अंतस में लियां अंधारो
थांरी आंख्यां रा काच पड़ग्या मांदा
थांरै सुपना रो पछै काईं होयो
आव म्हैं सोधू थांरी आंख्या में
थांरा अणपाक्या सुपना
पण ओ काईं !
थांरी आंख्यां में भी
म्हारा ई सुपना !
●MY DREAM IN YOUR EYES
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आपां साथै-साथै चाल्या
साथै ई देखी जगती
इकसार देख्या जग रा चाळा
मन तो पण दोय हा
थूं कीं न्यारो सोच्यो होसी म्हांसूं
थूं पूछती रैई म्हारा सुख-दुःख
म्हनै तो फुरसत ई नीं ही
म्हारा सुपना पूरण सूं
म्हैं तो बधा ई लियो म्हारो बंस
थूं बैठी है आज मून
अंतस में लियां अंधारो
थांरी आंख्यां रा काच पड़ग्या मांदा
थांरै सुपना रो पछै काईं होयो
आव म्हैं सोधू थांरी आंख्या में
थांरा अणपाक्या सुपना
पण ओ काईं !
थांरी आंख्यां में भी
म्हारा ई सुपना !
●MY DREAM IN YOUR EYES
We moved together
Side by side
Beholding the Universe simultaneously
Visualized the ways of world.
But our minds are distinct
Obviously your perception
Will vary from mine.
You kept on inquiring
My well being
I was never free from
Accomplishing my dreams.
And nurturing my family.
You are mum today
Holding darkness
In recesses of
Your mind.
Your vision has dimmed
What happened to your dreams
Let me search in your eyes.
Your dreams that could not mature.
But, I am aghast on my findings/
Your eyes are dreaming only me.
ओळ्यूं
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थारी ओळ्यूं री टूंटी
आं आंख्यां में खुलगी
जिकी नित् झरै
रीतै नीं पण आ
मन री टंकी
ठाह नीं कुण
आय नित भरे !
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थारी ओळ्यूं री टूंटी
आं आंख्यां में खुलगी
जिकी नित् झरै
रीतै नीं पण आ
मन री टंकी
ठाह नीं कुण
आय नित भरे !
REVERIES
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Tap of your reveries
Has opened in these eyes.
Flows persistently
Still this tank of mind
Is not evacuated
God know
Who fills it daily.
MY 5 favorite poems originally composed by Late Om Purohit Ji Kagad in Rajasthani and translated by me into English
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